NAGPUR SEX SCANDEL :- नागपुर। कोल्हापुर यौन शोषण प्रकरण

नागपुर। कोल्हापुर यौन शोषण प्रकरण की जांच कर रही मैथिली झा ने सोमवार को यहां स्पष्ट किया कि यह प्रकरण केवल एक युवती से जुड़ा है। यह कोई स्कैंडल नहीं है। युवती की शिकायत प्राथमिक तौर पर सही पायी गई है। अफसरों की लापरवाही पायी गई है। 2 दिनों में इस संबंध में अंतिम रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।

2006 बैच की आईपीएस मैथिली झा नाशिक की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हैं। इस प्रकरण की जांच के सिलसिले में वे 2 दिनों से यहां हैं। लक्ष्मीनगर स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में उन्होंने प्रशिक्षुओं से पूछताछ की। मंगलवार को वे कोल्हापुर रवाना होंगी। जांच के संबंध में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रकरण को अलग तरीके से उछाला गया। इससे प्रशिक्षु युवतियां मानसिक तौर पर आहत हैं। शुरू में ही यह बात साफ थी कि मामला केवल एक युवती से संबंधित है। फिर भी भ्रामक खबरें आती रही। उन्होंने बताया कि 2009 में प्रशिक्षण के लिए चयनित कोल्हापुर जिले की 71 युवतियों को वहां के पुलिस मुख्यालय में रखा गया था।

नियमानुसार प्रशिक्षण केंद्र निश्चित होने तक उन्हें मुख्यालय में ही रखा जाता है। प्रशिक्षण केंद्र में भेजने के पहले स्वास्थ्य जांच की जाती है। इन प्रशिक्षुओं की 21 मार्च 2011 को स्वास्थ्य जांच करायी गई। हीमोग्लोबिन व गर्भ संबंधी जांच में 2 युवती गर्भवती पायी गई। उनमें एक युवती विवाहित थी। 10 दिन बाद पुन: जांच करायी तो दोनों की स्थिति सामान्य पायी गई।

श्रीमती झा ने बताया कि उन्होंने कोल्हापुर में 2 दिनों तक जांच की । उसके बाद नागपुर केंद्र में कोल्हापुर की युवतियों से अलग-अलग पूछताछ की। मुंबई की युवतियों से भी बातचीत की। यहां अन्य युवतियों ने किसी भी तरह की शिकायत नहीं की। प्रकरण सामने आने पर कुछ अभिभावकों ने अपनी पुत्रियों से प्रशिक्षण छोड़ने के लिए कहा है लेकिन भविष्य के सवाल पर वे युवतियां नौकरी नहीं छोड़ना चाहती। कुछ लड़कियां प्रशिक्षण के साथ ही स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं।

फिलहाल, भादंवि के धारा 376 के तहत इस प्रकरण में सबूत जुटाने का प्रयास जारी है। अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि कोल्हापुर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने लापरवाही बरती है। वहां के उपविभागीय अधिकारी व निरीक्षक के साथ ही अन्य अधिकारियों की लापरवाही के कुछ प्रमाण भी मिले हैं। अंतिम रिपोर्ट के साथ ही वे विभाग को कुछ सुझाव देगी, जो प्रशिक्षण केंद्र की निगरानी से संबंधित होंगे।

हीमोग्लोबिन रिपोर्ट को लेकर भ्रम
चिकित्सा जांच में 11 युवतियों का हीमोग्लोबिन कम पाया गया। यह आम बात है। लेकिन कुछ लोगों को इस संबंध में भ्रम हुआ। इसे गर्भ से संबंधित माना गया।

नोट्स के बहाने शोषण
पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि पीड़ित युवती को नोट्स के बहाने शोषण का शिकार बनाया गया। आरोपी पुलिसकर्मी के घर पर ही युवती से दुष्कर्म हुआ। सूत्र बताते हैं कि पीड़ित युवती व आरोपी के बीच लंबे समय तक फोन पर बातचीत होते रहती थी। शुरू में वह शिकायत करने के बजाय आरोपी से अपने व्यवहार में सुधार लाने के लिए निवेदन कर रही थी। लेकिन उसे कथित तौर पर भविष्य चौपट कर देने की धमकी मिलती रही। पुलिस ने उसके फोन की सीडीआर रिपोर्ट भी निकाली है।

इस संबंध में प्रश्नों के उत्तर टालते हुए श्रीमती झा ने कहा कि पीड़ित युवती कोल्हापुर में मानसिक दबाव में थी। वह खुलकर शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। चिकित्सा रिपोर्ट में गर्भवती होने का पता चलने पर उसने अपने बचाव में कहा था कि उसका पुरुष मित्र है, उससे विवाह करनेवाली है। नागपुर आने पर उसने हिम्मत जुटाई व पुलिस महानिदेशक को शिकायत पत्र भेजा।

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